Tuesday, October 22, 2019

इब्राहिम-अंजलि के प्रेम-विवाह पर क्यों मचा हंगामा

केरल के बहुचर्चित हादिया केस की तरह कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले के इब्राहिम-अंजलि के प्रेम और विवाह का मामला सुलझता नज़र नहीं आ रहा है.

राज्य में इस मामले को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन और बंद का आयोजन हो चुका है.

स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की कार्रवाइयों में उलझी अंजलि जैन पिछले सात महीने से रायपुर के सरकारी सखी सेंटर में रह रही हैं.

अंजलि जैन ने बीबीसी से कहा, "मैं इस नर्क से अब मुक्ति पाना चाहती हूं. मैंने इब्राहिम से प्यार किया है, शादी की है और अपनी ज़िंदगी उनके साथ ही गुजारना चाहती हूं. लेकिन अपनी इज्जत के लिए मेरे पिता इसे सांप्रदायिक रंग दे कर अदालती कार्रवाइयों में मामले को उलझा रहे हैं."

दूसरी ओर अंजलि के पिता अशोक जैन इसे सीधे-सीधे 'लव ज़िहाद' का मामला बता कर धार्मिक संगठनों को एकजुट करने में लगे हुए हैं. वे लगातार धर्म गुरुओं से संपर्क कर रहे हैं. वे बीजेपी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं.

उनका दावा है कि पुलिस ने बंदूक की नोक पर उनकी बेटी को घर से उठाया और उसे रायपुर के सखी सेंटर में रखा, जहां उन्हें मिलने भी नहीं दिया जा रहा है.

लेकिन धमतरी ज़िले के पुलिस अधीक्षक बालाजी राव सोमावार, अंजलि जैन के पिता अशोक जैन के दावे को पूरी तरह से ख़ारिज कर रहे हैं.

वे कहते हैं, "अंजलि जैन बालिग हैं और उनकी शिकायत पर उन्हें पिता के घर से रेसक्यू किया गया था और सरकार से संचालित रायपुर के सखी सेंटर में रखा गया है. इस सेंटर में उन महिलाओं को रखा जाता है, जो अपने परिवार में नहीं रहना चाहती और जिनके पास रहने की कोई दूसरी जगह नहीं है."

छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले 33 वर्षीय मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीक़ी और 23 वर्षीय अंजलि जैन ने दो साल की जान-पहचान के बाद 25 फ़रवरी 2018 को रायपुर के आर्य मंदिर में शादी की थी. इब्राहिम का दावा है कि उन्होंने शादी से पहले हिंदू धर्म अपना लिया था. इसके बाद उन्होंने अपना नाम आर्यन आर्य रखा था.

मोहम्मद इब्राहिम सिद्दकी उर्फ़ आर्यन आर्य के अनुसार, "शादी की ख़बर जैसे ही मेरी पत्नी अंजलि के परिजनों को मिली, उन्होंने मेरी पत्नी को घर में क़ैद कर लिया. मैंने बहुत कोशिश की कि किसी भी तरह अंजलि से मेरी मुलाक़ात हो लेकिन यह संभव नहीं हो पाया."

इसके बाद इब्राहिम ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए न्यायालय से अपनी पत्नी अंजलि जैन को वापस किए जाने की गुहार लगाई.

लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अंजलि जैन को सोच-विचार के लिए समय देते हुये छात्रावास में या माता-पिता के साथ रहने का आदेश पारित करते हुए मामले को ख़ारिज कर दिया.

अंजलि जैन ने माता-पिता के साथ रहने के बजाय छात्रावास में रहना तय किया था. इसके बाद इब्राहिम ने हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

पिछले साल अगस्त में अंजलि को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया, जहां अंजलि ने अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई. अंजलि के अदालत के बयान के बाद मान लिया गया कि मामले का पटाक्षेप हो गया है.

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