Thursday, December 5, 2019

नागरिकता संशोधन विधेयक भारत को इसराइल बना देगा: ओवैसी- पांच बड़ी ख़बरें

एआईएमआईएम नेता और लोक सभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है "नागरिकता संशोधन विधेयक" भारत को इसराइल बना देगा जो कि "भेदभाव" के लिए जाना जाता है.

ओवैसी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "नागरिकता संशोधन विधेयक दिखाता है कि वे भारत को एक मज़हबी मुल्क़ बनाना चाहते हैं. भारत इसराइल जैसे देशों की क़तार में आ जाएगा जो कि दुनिया का सबसे ज़्यादा भेदभाव करने वाला मुल्क़ है.

ओवैसी ने ये भी कहा कि ये क़ानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता जाएगी.

इस बिल को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है और संभावना है कि इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा.

इस विधेयक में पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार प्याज़ की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों को लागू कर रही है.

लोक सभा में प्याज़ संकट पर विस्तृत जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि प्याज़ के निर्यात पर रोक लगा दी गई है और विभिन्न देशों से एक लाख मीट्रिक टन प्याज़ ख़रीदा जा रहा है.

साथ ही अलग-अलग राज्यों में भंडारों में जमा प्याज़ को कमी वाले इलाक़ों में पहुँचाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्याज़ की उपज वाले क्षेत्र का दायरा कम हो जाने की वजह से पैदावार में कमी आई है.

चर्चा के दौरान एक सांसद की टिप्पणी पर निर्मला ने मज़ाकिया लहज़े में ये भी कहा कि वो प्याज़ नहीं खातीं.

उन्होंने कहा,"मैं इतना लहसुन,प्याज़ नहीं खाती हूं जी. इसलिए चिंता मत कीजिए, मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जहां प्याज़ से मतलब नहीं रखते."

कर्नाटक में गुरूवार को विधानसभा की 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं जिसके नतीजे सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के लिए काफ़ी मायने रखते हैं.

इन सीटों पर कांग्रेस और जेडी (एस) के 17 बाग़ी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से दोबारा चुनाव कराए जा रहे हैं.

इन विधायकों के पाला बदलने से जुलाई में एचडी कुमारास्वामी की अगुआई वाली गठबंधन सरकार गिर गई थी और बीजेपी फिर से सत्ता में आ गई.

225 सीटों वाली कर्नाटक की विधान सभा में बीजेपी के पास 105 विधायक हैं जिनमें एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल हैं.

अभी जिन 15 सीटों पर चुनाव करवाए जा रहे हैं उनमें से 12 कांग्रेस और तीन जेडी (एस) के पास थीं.

बीजेपी को बहुमत बनाए रखने के लिए के लिए उपचुनाव में 15 में से कम-से-कम छह सीटों पर जीत हासिल करना ज़रूरी है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोक सभा और विधान सभाओं में एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधियों के आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करने का फ़ैसला किया है.

अभी लोक सभा में कुल 545 सीटों में से दो सीटें एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए आरक्षित हैं जिनपर राष्ट्रपति दो सदस्यों को नामांकित करते हैं.

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दो एंग्लो-इंडियन सांसदों को नामांकित किया गया था मगर मौजूदा कार्यकाल में सरकार ने इस समुदाय से किसी का भी नामांकन नहीं किया गया है.

हालाँकि कैबिनेट ने इन सदनों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था को और 10 साल के बढ़ा दिया है. इसकी अवधि 25 जनवरी, 2020 को ख़त्म हो रही थी.

फ़िलहाल लोक सभा की 543 सीटों में 84 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं.

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